श श....... कोई सुन न ले

मत बोलो कुछ कोई सुन लेगा,
बिना समझे ही तुम्हे कटघरे मे खड़ा करेगा,
इन्सानियत की बात करते हैं यहां बड़े ही अदब से सब,
वक्त आने पर हर कोई मुंह मोड़ लेगा,
मत बताओ हर किसी को खुद के बुने सपनो को,
पूरा न होने पर हर कोई तुम्हे नालायक ही कहेगा,
नही समझेगा कोई किसी भी कहानी के पीछे छिपी दर्द तकलीफों को,
हर कोई कहानी के अंत में सिर्फ तालियां और ज्ञान ही देगा,
मत बहाओ अपने दर्द और तकलीफों पर यूं आंखो से आंसू,
अपना हो या पराया हर कोई उन्हे देखकर तुम्हे पागल ही कहेगा,
श..... खामोशी से जी सको तो जियो जिंदगी अपनी,
तभी जी पाओगे अपने ख्वाबों की जमीन
अगर बताने गए यहां किसी को कुछ भी,
तो तुम्हे तुमसे ही दूर बड़ी बेरहमी से किया जाएगा। ।।


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